आदर्श विद्या मंदिर
पुष्कर
1 अक्टूबर 2021
आदरणीय भाई साहब,
सादर प्रणाम।
परसों ही पिताजी का पत्र मिला था और आज आपका मिला है। पत्र पढ़कर बड़ी प्रसन्नता हुई। ऐसा लगता है, मैं आप सबसे दूर न होकर पास ही हूं।
पढ़ाई जोर-शोर से प्रारम्भ हो गई है। आपने मुझे बहुत अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाया है। यहां का अनुशासन उत्तम है। पढ़ाई के अलावा अन्य कार्यक्रम भी काफी होते रहते हैं। कल ही चित्रकला-प्रतियोगिता थी। मुझे द्वितीय पुरस्कार मिला है। अगले सप्ताह निबंध-प्रतियोगिता होगी। मैं उसमें भी भाग लूंगा।
स्वतन्त्रता दिवस सामारोह की तैयारियां अभी से आरम्भ हो गई हैं। बड़ा समारोह होगा। दिल्ली के बड़े सेठ मुख्य अतिथि होंगे। वे सभी बच्चों को उपहार भी देंगें। उस दिन अच्छे-अच्छे कार्यक्रम होंगे। मैंने तीन कार्यक्रमों में भाग लिया है। उस दिन भैया,आप अवश्य आना।
अम्मा और पिताजी को चरणस्पर्श तथा गुड़िया को प्यार।
आपका अनुज
विनायक गागल